ग्राम सभा: गाँव की सबसे बड़ी ताकत और विकास की नींव

ग्रामसभा बनाम लोकसभा-विधानसभा – गाँव की असली सरकार

“ना लोकसभा, ना विधानसभा – सबसे बड़ी ग्रामसभा” यह बात हमारे संविधान और PESA कानून (पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996) दोनों में साफ-साफ लिखी है। गाँव के असली मालिक गाँववासी हैं, और उनका सबसे बड़ा मंच है – ग्रामसभा


ग्रामसभा क्या है?

ग्रामसभा गाँव के सभी 18 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं की बैठक होती है। इसमें हर व्यक्ति को बोलने, सुझाव देने और फैसला करने का बराबर अधिकार है। यह सिर्फ चर्चा का मंच नहीं, बल्कि कानूनी शक्ति वाला सर्वोच्च निकाय है, खासकर PESA कानून वाले इलाकों में।


PESA कानून में ग्रामसभा की ताकत

  • गाँव के विकास कार्यों (जैसे सड़क, तालाब, स्कूल, पंचायत भवन) को मंजूरी देने का अधिकार।
  • गाँव की जमीन, जंगल और जल स्रोतों पर नियंत्रण।
  • सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में प्राथमिक फैसला करने का हक।
  • गाँव के संसाधनों के उपयोग और प्रबंधन का अधिकार।
  • ग्राम सभा की अनुमति के बिना कोई भी विकास कार्य नहीं हो सकता।

ग्रामसभा बनाम लोकसभा-विधानसभा

लोकसभा / विधानसभा ग्रामसभा
देश/राज्य स्तर पर कानून बनाती है गाँव के स्तर पर फैसले लेती है
जनता हर 5 साल में चुनती है गाँव के लोग खुद शामिल होते हैं
MP/MLA जनता का प्रतिनिधि हर ग्रामीण खुद प्रतिनिधि
गाँव की योजनाओं पर सीधा फैसला नहीं गाँव की योजनाओं पर सीधा फैसला

सड़क जैसे विकास कार्य में ग्रामसभा की भूमिका

अगर गाँव में सड़क बनानी है, चाहे वह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत हो या किसी अन्य योजना से – सबसे पहले ग्रामसभा की बैठक बुलानी होगी। ग्रामसभा की सहमति और प्रस्ताव के बाद ही सरपंच व सचिव निर्माण कार्य शुरू करा सकते हैं।


ग्रामसभा स्वीकृति प्रस्ताव का रेडीमेड फॉर्मेट

ग्राम पंचायत: ___________________________
ग्राम: ____________________  पंचायत कोड: __________

बैठक दिनांक: ____/____/20____
स्थान: ग्राम पंचायत भवन / अन्य स्थान

विषय: सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति

ग्रामसभा में निम्नलिखित प्रस्ताव पारित किया गया:
1. ग्रामसभा सहमत है कि ___________________________ (सड़क का नाम/स्थान) पर सड़क निर्माण कार्य किया जाए।
2. यह कार्य __________________ योजना (जैसे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना) के तहत होगा।
3. कार्य की गुणवत्ता, पारदर्शिता और समयसीमा का पालन अनिवार्य होगा।
4. ग्रामसभा इस कार्य की निगरानी के लिए एक समिति बनाएगी।

प्रस्ताव पारित होने के पक्ष में: _______ सदस्य
विरोध में: _______ सदस्य

ग्रामसभा अध्यक्ष के हस्ताक्षर: _______________
ग्राम पंचायत सरपंच के हस्ताक्षर: _____________
सचिव के हस्ताक्षर: _______________________

निष्कर्ष

ग्रामसभा गाँव की असली सरकार है। अगर हम PESA कानून का सही उपयोग करें, तो गाँव के विकास में पारदर्शिता, जनभागीदारी और स्वावलंबन आ सकता है। याद रखें – ग्रामसभा की अनुमति के बिना कोई भी योजना गाँव में लागू नहीं हो सकती

“गाँव की ताकत, ग्रामसभा के साथ”

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