तालाबटोला में देशभक्ति का जश्न — 79वां स्वतंत्रता दिवस यादगार बना

उन्नयन प्राथमिक शाला, तालाबटोला — 79वां स्वतंत्रता दिवस समारोह

उन्नयन प्राथमिक शाला, तालाबटोला — 79वां स्वतंत्रता दिवस समारोह

स्थान: ग्राम पंचायत केवलारी कला, जन शिक्षा केन्द्र – घुटास, जिला मण्डला | लेख: Yojesh Desk

Uplift Primary School Talabtopola - 79th Independence Day

उन्नयन प्राथमिक शाला, तालाबटोला में इस वर्ष 79वां स्वतंत्रता दिवस बड़े ही उमंग और श्रद्धा के साथ मनाया गया। सीमित संसाधनों के बावजूद स्कूल और गाँव की सामूहिक भागीदारी ने इस दिन को यादगार बना दिया। नीचे समारोह का पूरा वर्णन, तैयारियाँ, मुख्य कार्यक्रम और इससे जुड़ा संदेश दिया गया है — जिसे आप सीधे अपने ब्लॉग या स्थानीय समाचार पत्रिका में पब्लिश कर सकते हैं।

सुबह का माहौल और तैयारियाँ

शाला प्रांगण को रंग-बिरंगी झंडियों, फूलों और बच्चों द्वारा बनाए गए पोस्टरों से सजाया गया था। प्रधानाध्यापक तथा शिक्षक बच्चों को पहले से रिहर्सल करा चुके थे, इसलिए हर कार्यक्रम सुव्यवस्थित तथा समयबद्ध तरीके से सम्पन्न हुआ। स्कूल के चारों ओर तिरंगे, रंगोली और स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें लटक रही थीं — जो बच्चों के मन में देशभक्ति की भावना को और मजबूत कर रही थीं।

ध्वजारोहण और राष्ट्रगान

समारोह का आरंभ सुबह 8 बजे ध्वजारोहण से हुआ। ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि और प्रधानाध्यापक ने मिलकर तिरंगा फहराया। तिरंगे के ऊँचे उठते ही पूरा प्रांगण जयकारों और तालियों से गूंज उठा। उसके बाद सभी ने एक साथ राष्ट्रगान का गायन किया — जिसमें शिक्षक, विद्यार्थी और अभिभावक सब सम्मिलित थे। यह दृश्य भावभीना था और उपस्थित सभी के चेहरे गर्व से चमक रहे थे।

मुख्य सांस्कृतिक कार्यक्रम

ध्वजारोहण के बाद बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं। कक्षाओं के अनुसार विभाजित कार्यक्रमों ने दर्शकों का मन मोह लिया—

  • समूह गीत: बच्चों ने देशभक्ति के गीत बड़े उत्साह के साथ गाए।
  • नृत्य प्रस्तुति: कक्षा 3 से 5 के छात्रों ने तिरंगे के रंगों पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किया, जिसमें लोक-तत्व भी जोड़ा गया था।
  • भाषण प्रतियोगिता: कुछ बच्चों ने स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नायकों पर छोटे-छोटे भाषण दिए; उनके विचारों ने सबका मन मोह लिया।
  • कविता पाठ: छोटे बच्चों ने भावुक कविताएँ सुनाईं, जिन्हें सुनकर दर्शक भावविभोर हो गए।

स्वतंत्रता संग्राम पर नाट्य प्रस्तुति

कार्यक्रम का सबसे प्रभावशाली हिस्सा था स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित लघु नाटक। बच्चों ने मंच पर उन ऐतिहासिक घटनाओं को प्रस्तुत किया जिनमें सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन और स्थानीय नायकों के बलिदान शामिल थे। नाटक में प्रयुक्त मिट्टी के पृष्ठभूमि-दृश्यों, लोक गीतों और सरल परिधानों ने वह स्थानिकता और प्रामाणिकता दी जो ग्रामीण दर्शकों को तीव्र रूप से जोड़े रखी।

शिक्षकों और अभिभावकों की भूमिका

शिक्षकों ने बच्चों को सरल भाषा में स्वतंत्रता का महत्व समझाया और कार्यक्रमों की रिहर्सल करवाई। अभिभावक न केवल दर्शक बनकर बैठे, बल्कि उन्होंने कार्यक्रम की व्यवस्था और बच्चों की तैयारी में सक्रिय सहयोग भी दिया। कई ग्रामीणों ने छोटे-छोटे दान कर स्कूल को सहायता दी — इससे स्पष्ट हुआ कि सामुदायिक सहयोग से सीमित संसाधनों में भी बड़े कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किए जा सकते हैं।

प्रधानाचार्य का संदेश

“आज का दिन केवल जश्न मनाने का नहीं है, बल्कि यह हमें हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है। हमें अपने बच्चों को अच्छे नागरिक बनाना है — जिनमें पढ़ाई के साथ-साथ नैतिकता, अनुशासन और देशभक्ति भी होनी चाहिए।”

प्रतियोगिताएँ और पुरस्कार

कार्यक्रम के अंत में भाषा, चित्रकला, कविता और नृत्य प्रतिस्पर्धाओं के विजेताओं को प्रमाण पत्र और छोटे-छोटे पुरस्कार दिए गए। इससे बच्चों में मेहनत के प्रति प्रोत्साहन बना और सभी में उत्साह का संचार हुआ।

समारोह का सामुदायिक महत्व

ऐसे कार्यक्रम बच्चों में न केवल देशभक्ति की भावना जगाते हैं बल्कि उन्हें सार्वजनिक मंच पर प्रस्तुत होने का आत्मविश्वास भी देते हैं। ग्रामीण विद्यालयों में इस प्रकार के आयोजन समाज के अन्य वर्गों को भी जोड़ते हैं — क्योंकि बच्चे, माता-पिता और शिक्षक मिलकर स्थानीय संस्कृति और इतिहास का आदान-प्रदान करते हैं।

भविष्य के सुझाव

1. स्कूल के आयोजन और भी संगठित करने के लिए स्थानीय व्यापारियों और पंचायत से पूर्व सहयोग लिया जा सकता है।
2. बच्चों की बेहतर प्रस्तुति के लिए प्रैक्टिकल रिहर्सल और कॉस्टयूम की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर मिलकर की जा सकती है।
3. हर वर्ष के लिए एक थीम निर्धारित कर विद्यालय की दीवारों पर शिक्षण-संबंधी पेंटिंग और स्लोगन बनाए जाएँ।

समापन

उन्नयन प्राथमिक शाला, तालाबटोला का 79वां स्वतंत्रता दिवस समारोह यह साबित करता है कि प्रेरणा और समर्पण से सीमित संसाधन भी प्रेरक कार्यक्रम कर सकते हैं। इस आयोजन ने नए उत्साह और सामाजिक एकता का संदेश दिया — जो आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होगा।

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